Thursday, June 26, 2008

लिखने के लिये स्वानुभूति होना जरूरी है- कृष्ण बिहारी

http://web.archive.org/web/20140419155754/http://hindini.com/fursatiya/archives/453

7 responses to “लिखने के लिये स्वानुभूति होना जरूरी है- कृष्ण बिहारी”

  1. रवि
    कृष्ण बिहारी और कृष्ण बिहारी ‘नूर’ क्या अलग-2 व्यक्ति हैं?
  2. सतीश यादव
    अच्छा परिचय कराया, कभी ईनकी कोई किताब नजर आई तो ऐक बार पढने का मन जरुर बन सकता है।
  3. Dr .Anurag
    क शानदार शख्सियत से परिचय करवाने के लिए शुक्रिया…..अगली बार अगर किसी शायर का परिचय कराये तो उनके शेर भी डाले…..
  4. समीर लाल
    बहुत अच्छा लगा बिहारी जी आत्मकथ्य. लिखने के लिए जीवन,अनुभूति और सहानुभूति के साथ साथ स्वानुभूति का होना बहुत ज़रूरी है । प्रेरणादायी. काफी सीखने मिला. आभार आपका.
  5. डा०अमर कुमार
    सही फ़रमाते, आप !
  6. फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] [...]

Wednesday, June 25, 2008

मैं कृष्णबिहारी को नहीं जानता – गोविन्द उपाध्याय

http://web.archive.org/web/20140419215246/http://hindini.com/fursatiya/archives/452

8 responses to “मैं कृष्णबिहारी को नहीं जानता – गोविन्द उपाध्याय”

  1. दिनेशराय द्विवेदी
    बहुत लम्बा है फुरसत निकाल कर पढ़ना पडे़गा।
  2. लिखने के स्वानुभूति होना जरूरी है- कृष्ण बिहारी
    [...] और उनके बारे में गोविन्द उपाध्याय का लेख पढ़ा। अब आप अपने खुद के लेखन के बारे में [...]
  3. Gyan Dutt Pandey
    नाम ही है कृष्ण और बिहारी। तो उसी में निहित है वर्जनाओं से मुक्त और निहायत पारदर्शी होना। और ऊपर से लिखने वाले गोविंद। तब तो बात ही निराली है।
    भैया कृष्ण बिहारी को तो बचपन से समझने की कोशिश कर रहे हैं! रोज गच्चा देते हैं। हमने तो फोटो भी लगा ली है ब्लॉग पर कि इसी बहाने कुछ समझ आयें!
  4. समीर लाल
    गोविन्द भाई ने बिहारी जी के विषय में बड़ी तल्लीनता और आत्मियता से लिखा है. बहुत रोचक लगा यह आलेख बिहारी जी के जीवन के विभिन्न पहलूओं से परिचित करता. आभार इसे यहाँ पेश करने का.
  5. डा०अमर कुमार
    लगता है कि बेलौस तबियत,
    ने बनायी बिहारी की शख़्सियत !
  6. raj kamal awasthi`

Tuesday, June 24, 2008

कृष्ण बिहारी- मेरी तबियत है बादशाही

http://web.archive.org/web/20110926054235/http://hindini.com/fursatiya/archives/450

फ़ुरसतिया

अनूप शुक्ला: पैदाइश तथा शुरुआती पढ़ाई-लिखाई, कभी भारत का मैनचेस्टर कहलाने वाले शहर कानपुर में। यह ताज्जुब की बात लगती है कि मैनचेस्टर कुली, कबाड़ियों,धूल-धक्कड़ के शहर में कैसे बदल गया। अभियांत्रिकी(मेकेनिकल) इलाहाबाद से करने के बाद उच्च शिक्षा बनारस से। इलाहाबाद में पढ़ते हुये सन १९८३में ‘जिज्ञासु यायावर ‘ के रूप में साइकिल से भारत भ्रमण। संप्रति भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत लघु शस्त्र निर्माणी ,कानपुर में अधिकारी। लिखने का कारण यह भ्रम कि लोगों के पास हमारा लिखा पढ़ने की फुरसत है। जिंदगी में ‘झाड़े रहो कलट्टरगंज’ का कनपुरिया मोटो लेखन में ‘हम तो जबरिया लिखबे यार हमार कोई का करिहै‘ कैसे धंस गया, हर पोस्ट में इसकी जांच चल रही है।

11 responses to “कृष्ण बिहारी- मेरी तबियत है बादशाही”

  1. Tarun
    वाकई में तबियत बादशाही है तभी तो सिर्फ टाईटिल ठेलकर पोस्ट कर दिया ;)
    लगता है कुछ गड़बड़ है स्वामी जी को फोन घुमाया जाय नही तो हमें भेजिये अभी नींद से उठाते हैं
  2. Neeraj Rohilla
    बहुत बहुत धन्यवाद, अब उनकी रचनाये खोजकर पढ़नी होंगी |
  3. hindichittha.com » बादशाही व्यक्तित्व: कृष्ण बिहारी
    [...] पर..)शीर्षक नहीं बदलूँगा…..जालिमोंकृष्ण बिहारी- मेरी तबियत है बादशाही१८ जून गोवा का क्रांति दिवस (revolution [...]
  4. alok puranik
    शब्दाजंलि क्या हुई।
  5. डा० अमर कुमार
    आह..सारिका, नई कहानियाँ, हंस , नवनीत इत्यादि बड़ी याद आतीं हैं ।
    अब तो स्तरीय प्रत्रिकाओं का ऎसा टोटा पड़ा है, कि मन क्षुब्ध हो जाता है ।
    स्वदेश दीपक के विषय में यदि कोई जानकारी हो, तो वह भी यहाँ देखने की इच्छा हो रही है ।
    लौट कर पूरा आलेख जुगाली ले ले कर पढ़ुँगा, अभी तो इतना ही !
  6. Abhishek Ojha
    धन्यवाद इस साक्षात्कार के लिए.
  7. Gyan Dutt Pandey
    आप तो टाइम मशीन में बिठा हमको हमारे जमाने में ले गये बन्धु!
  8. समीर लाल
    कृष्ण बिहारी जी का परिचय प्राप्त करना एक सुखद अनुभव रहा. बहुत प्रबल आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्तित्व है. आपका बहुत आभार इसे यहाँ लाने के लिए.
    कल से तड़प रहे थे टिप्पणी करने के लिए. अब जाकर ठीक लगा. :)
  9. मैं कृष्ण बिहारी को नहीं जानता
    [...] पोस्ट में कृष्ण बिहारी जी का इंटरव्यू पोस्ट किया था। यह इंटरव्यू शब्दांजलि [...]
  10. लिखने के स्वानुभूति होना जरूरी है- कृष्ण बिहारी
    [...] कॄष्णबिहारी का परिचय, इंटरव्यू और उनके बारे में गोविन्द उपाध्याय का [...]
  11. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] कृष्ण बिहारी- मेरी तबियत है बादशाही [...]

Sunday, June 22, 2008

अन्य होंगे चरण हारे

http://web.archive.org/web/20140419212810/http://hindini.com/fursatiya/archives/449