Monday, May 25, 2009

फ़टाफ़ट क्रिकेट और चीयरबालायें

http://web.archive.org/web/20140419213656/http://hindini.com/fursatiya/archives/644

22 responses to “फ़टाफ़ट क्रिकेट और चीयरबालायें”

  1. लावण्या
    मैँने, अमरीकी “चीयरबालाओँ के करतब ” १९७४ मेँ सबसे पहले देखे थे
    फिर दादा श्री राजसिँह जी से
    एक दफे (धीमे से ) यही सुझाव दिया था कि,
    भारतीय क्रीकेट मेँ भी इन्हेँ लाया जाये
    और उन्होने हमेँ, हडका दिया था कि “ऐसा भी कहीँ होता है ! ” :-)
    आज देखिये,
    भारत भी अमरीकी फुटबोल जैसे खेल की तरह
    यही दोहराने लगा है -
    मेरी सलाह, कमर्शियल टीपीआर के लहजे से ही कही गयी थी -
    आखिरकार, व्यापार और मुनाफा
    हर आधुनिक गतिविधि के केन्द्र मेँ बसने लगा है -
    – लावण्या
  2. ज्ञानदत्त पाण्डेय
    यह तो आलोक पुराणिक के अधिकार क्षेत्र का लेखन है। उनके छात्र की कापी अपने कहां से कबाड़ी!
  3. ताऊ रामपुरिया
    चीयरबालाओं की तर्ज पर महिला खिलाडियों के मैच में चीयरबालकों की मांग होगी। कुछ दिन में मिक्स चीयरग्रुप होंगे।
    बहुत सही. अगर कभी चीयर बुजुर्गों की हो तो हमको और शाश्त्री जी को मत भूल जाना.:)
    रामराम.
  4. काजल kumar
    वो सब तो ठीक है….
    ललित मोदी ने हर चीज़ का टाइम फिक्स किया … और तो और 10 मिनट के लिए मैच रोक कर भी विज्ञापकों को वह समय दे दिया. क्या उसे टी.वी. दर्शकों का ख्याल नहीं आया ! कुछ नियत समय चीअर लीडर के लिए भी रखा जाना चाहिए था…कि जैसे 8.15 से 8.18 तक कमरे पर वही दिखाई जायेंगी. शर्तिया, और विज्ञापन मिलते…शायद अगले साल से ऐसा हो जाए, कौन जाने ! :)
  5. Abhishek
    चीयरबालायें सत्य है, क्रिकेट मिथ्या है। :)
  6. दिनेशराय द्विवेदी
    लेकिन आलोक पुराणिक का मानना है कि बिना चीयरलीडरानियों के गाड़ी बहुत दिन तक खिंचेगी नहीं।
    अगर लगातार जीतना है तो चीयरलीडरानियों की सेवा लेनी ही पड़ेगी।
    पुराणिक जी को भविष्यवक्ता हो जाना चाहिए।
  7. समीर लाल
    पुनर्ठेलन की बधाई. न फिर से पढ़ना मना है और न ही ठेलना. :)
  8. गौतम राजरिशी
    अभिषेक जी की टिप्पणी को दाद..!
  9. anil pusadkar
    चियर्स! चियर्स!मै भी अपना नाम माल्या की तर्ज़ पर काल्या रख रहा हूं।
  10. amit
    हा हा हा, पढ़कर बहुत मज़ा आया!! :D
  11. Dr.Arvind Mishra
    कुश की टिप्पणी नहीं दिखी अब तक !
  12. anitakumar
    :) आलोक पुराणिक जी का एक्सक्ल्युजिव राइट है जी चीयर लिडरनियों की गतिविधियों पर नजर रखने का, ये पोस्ट अगड़म बगड़म से चुरा कर यहां चैपी गयी है क्या? …॥:) कहीं से भी आई हो ये पोस्ट बड़ी है मस्त मस्त ये पोस्ट बड़ी है मस्त
  13. puja
    par tv par to nazar nahin aati hain cheeyarbalaein…thoda time to unke liye bhi fix hona mangta hai, unke interviews bhi nahin dikhaye jaate :( par ummid hai sthiti sudharegi :D
  14. ajaykumarjha
    wah wah cheer gals par aapne bhee khoob likhaa hai….
    magar is baar cheer gals kaa halla utnaa nahin huaa….poora afrikaa hee cheer gals bana hua thaa …..
  15. Israr Ahmad
    bhai… they are not cheer girls… they are dil ko cheerney wali girls… who cheer the hearts of indian players…and they lost the cricket… our indian cricketers are always… dil chirwaney waley… look SRISHANT.. in MACAU.. with cheer girl…
  16. hassan khan
    bhut mazza aata hai.
  17. Vinay Awasthi
    Anup bahut din baad padh raha tha, likhne ki hadd nahi hoti. kuch bhi likha ja sakta hai hunar chahiye Jo tumme bahut mature roop me dikh raha hai. badhai ho (Vinay)
  18. Youraj Raghuvanshi
    भारत पाकिस्तान का सेमी फ़ाइनल मैच केवल खेल नहीं है । जब से भारत – पाकिस्तान सेमी फ़ाइनल मैच की घोषणा हुई है । नागरिकों में राष्ट्र प्रेम भावना की लहरें देखने में आ रही है । राष्ट्र प्रेम की ऐसी भावना जो समूचे राष्ट्र में देखने में आरही है ऐसा कभी-कभी ही देखने को मिलती है । आज क्रिकेट के माध्यम से सारा भारत एक ही आवाज दे रहा है “चक दे इंडिया ” हमारी शुभ कामनाएं भारतीय टीम को साथ ही सभी देश वासियों को आवाहन है की ऐसी राष्ट्रीयता की भावना हमेशा पेश करें ।
  19. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] फ़टाफ़ट क्रिकेट और चीयरबालायें [...]
  20. vineeta sharma
    बहुत बढ़िया पोस्ट है अनूप जी. चीयार्बालाओं के बारे में सभी इतने संवेदनशील हो जाएँ, तो शायद इनका इस्तेमाल बंद हो जाए. बहुत शानदार.
  21. : देवलोक में चीनी चर्चा
    [...] से विरत और बोर होकर अपने आई पैड पर आई.पी.एल. क्रिकेट मैच का सीधा प्रसारण देखने के बहाने [...]
  22. : क्रिकेट -खलीफ़ा तरबूजी के बमकने से लेकर धोनी की फ़िनिशिंग तक
    [...] की धड़कने सेंसेक्स की तरह ऊपर नीचे और चीयरबालाओं के ठुमकों की तरह उचकती-गिरती रहती [...]

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