Thursday, February 28, 2013

एयरहोस्टेस, खूबसूरत दांत, मोटरसाइकिल, बजट और चांदनी

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एयरहोस्टेस, खूबसूरत दांत, मोटरसाइकिल, बजट और चांदनी


  1. हवाई यात्रा में जेट एयरवेज और इंडिगो में एयरहोस्टेसों को देखकर लगा कि इन एयरलाइनों ने हाईस्कूल करते ही इनको अपने यहां नौकरी में लगा लिया। लगा कि नाबालिग बच्चियों को हवा में उड़ा दिया गया है।
  2. एयर इंडिया में पुरुष एयरहोस्टेस देखकर लगा अब दुनिया स्त्री-पुरुष बराबरी की तरफ़ बढ़ रही हैं।
  3. चालीस पार की एक महिला सहयात्री काफ़ी देर से व्यक्तित्व विकास की किताब अंग्रेजी में पढ़ रही थीं। पता चला कि वो 1988 में जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज से इंजीनियरिंग किये हैं। हमने कहा कि व्यक्तित्व जो बनना था बन चुका अब और क्या पर्सनालिटी डेवेलपमेंट होगा इस उमर में? वे हंसने लगी- बोली ऐसे ही पढ़ लेते हैं टाइम पास के लिये।
  4. सहयात्री सिंगापुर की सफ़ाई और अन्य सुविधाओं की तारीफ़ करती रहीं। हमने पूछा -अच्छा बताइये कि वहां क्या मानसिक रूप से इतना निश्चिंत रह पाती होंगी जितना अपने मायके (जबलपुर में ) रह लेती हैं। बोली -नहीं। वहां डर लगा रहता है कि जिस चीनी डाक्टर को दांत दिखा रहे हैं कहीं वो खराब न कर दे। यहां जबलपुर में सब जानते हैं। ध्यान से देखते हैं। सोचा उनके दांतों की खूबसूरती की तारीफ़ कर दें लेकिन तब तक जहाज में बैठने के लिये लाइन लगाने की घोषणा हो गयी। समय पर तारीफ़ न कर पाने की कसक अब तक हो रही है।
  5. कोलकता एयरपोर्ट पर एक आदमी टिकट बनाने वाली बच्ची (बच्चियां सी ही लगती हैं वहां तैनात कर्मचारी) पर झुंझलाते हुये जल्दी टिकट बनाने के लिये कह रहा था। उसकी फ़्लाइट छूटने वाली थी। लगा कि हवाई जहाज का टिकट लेने के साथ ही लोग झंझलाने का इंजेक्शन ठोंक लेते हैं अपने। जरा पहले निकलना था अगले को। अभी तक वो झुंझलाता आदमी दिख रहा है मुझे। उसके चक्कर में मोहतरमा के खूबसूरत दांत कम दिख रहे हैं।
  6. कलकत्ता में दो दिन के बंद के बावजूद शहर चल रहा था। लेकिन दुकाने बंद थीं। सड़क पर भीड़ जरा कम थी लेकिन शटर गिरे होने के चलते चहल-पहल कम दिखी।
  7. दो दिन पहले कानपुर में गलत तरफ़ से आ रही एक मोटरसाइकिल से डिवाइडर से उतरता एक आदमी टकरा गया। मोटर साइकिल में पीछे बैठी युवती कपड़े की गुडिया की तरह उछलकर नीचे जा गिरी। मोटरसाइकिल वाला हेलमेट लगाये-लगाये आदमी को हड़काने लगा -देखकर नहीं चलते। आदमी ने भी हड़काया – रांग साइड क्यों चलते हो। इत्ते में युवती उठकर वापस चुपचाप मोटर साइकिल पर बैठ गयी। लेकिन वे लड़ने में लगे रहे। हेलमेट तब भी नहीं उतारा अगले ने। मुझे लगा कानपुर में सड़क पर गलत साइड चलने वाले तक अपनी सुरक्षा के प्रति कितने जागरूक हैं- बहस करते समय तक हेलमेट पहने रहता है।
  8. आज बजट पेश होगा। सबकी तमन्ना है कि कर में कुछ छूट मिल जाये, सुविधाओं में बढोत्तरी हो जाये। हमें सिर्फ़ यही लग रहा है कि किसी मद में भ्रष्टाचार के लिये भी कुछ राशि का प्रावधान होता होगा क्या?
  9. ये ऊपर तस्वीर में दिख रहे बुजुर्ग कल हमारे मेस के पास की पुलिया पर बैठे दिखे। हमारे फोटो खींचने पर बुजुर्गवार ने बुढिया का मुंह कैमरे की तरफ़ कर दिया। बताया कि बागवानी का काम करते हैं। आज काम नहीं मिला सो बैठे हैं। इनको क्या पता कि आज बजट पेश होने वाला है जिसमें शायद उनके लिये भी कुछ प्रावधान हो। हो सकता बजट पेश हो जाये और उनको पता ही न चले। :)

मेरी पसन्द

स्वपन हो या सत्य हो ,तुम चांदनी हो ,
या ह्रदय तल पर उतरती रागिनी हो ।
है अधर या दीपमालाये सजी है
या नदी तट पर खड़ी सम्भावनाये ,
ये नयन संदेश उर का वांचते क्या
वेणियाँ है या कि उर की अर्गलाये ।।
खोल दो सच छाँव युग युग की मिलेगी
तुम सघन संघर्ष युग में चंदनी हो ।
स्वपन हो या सत्य हो ,तुम चांदनी हो ,
या ह्रदय तल पर उतरती रागिनी हो ।
हाथ मे अंगुली छुई ,स्पर्श हे यह ,
या की सम्मोहन दर्गो मे कांपता हे
यह मेरा मन यंत्र मापन का बना हे
कंबु ग्रीवा तक तुम्हे जो मापता हे ।।
प्रीति के इतिहास की अन्धी गली मे
तुम प्रिये शाश्वत सरलतम रोशनी हो ।
स्वपन हो या सत्य हो ,तुम चांदनी हो ,
या ह्रदय तल पर उतरती रागिनी हो ।
फिर वही विश्वास अधरों आंसुओ मे
जागकर चितवन तुम्हारी मांगता है
दूरियाँ पल की लगे ज्यो सीपिया हे
रिक्तता मे अश्रु मोती लापता हें ।।
तुम रेत पर बिखरी गुलाबी आस्था हो
या की फिर अभिसार की आशा बनी हो
स्वपन हो या सत्य हो ,तुम चांदनी हो ,
या ह्रदय तल पर उतरती रागिनी हो ।
-सरोज मिश्र शाहजहांपुर

12 responses to “एयरहोस्टेस, खूबसूरत दांत, मोटरसाइकिल, बजट और चांदनी”

  1. arvind mishra
    फेसबुक का बासी माल :-(
    पचास पार हो गए हैं कम से कम अब तो गगन (परिचारिका ) और सहयात्री विहार से तोबा कीजिये :-) बाल बच्चों का कुछ तो लिहाज करिए :-)
    arvind mishra की हालिया प्रविष्टी..एक अजूबा यह भी-दास्तान एक विषखोर पक्षी की …..
  2. दीपक बाबा
    वैसे डॉ मिश्र सही कह रहे हैं :) :) :)
  3. aradhana
    हम्म, आजकल आप भी अंत तक आते-आते दार्शनिक हो जाते हैं. वृद्ध युगल के माध्यम से बड़ी बात कह गए आप. कहाँ चिन्ता है किसी वित्त मंत्री को बागवानी का काम करने वाले जैसों की?
    वैसे बजट में उनके लिए प्रावधान हों या न हों, दोनों बूढ़ा-बूढ़ी साथ लग बहुत खुश रहे हैं. इनकी खुशी किसी वित्त मंत्री के बजट की मुहताज नहीं. आमीन :)
    aradhana की हालिया प्रविष्टी..Two Cities, Two Launches: A Pair of Sites Built on WordPress.com Enterprise
  4. PN Subramanian
    रोचक.
  5. shikha varshney
    टूटी थीं आशाएं अब टूट जायेगी कमर
    बजट में आम लोग ही करते हैं सफ़र (अंग्रेजी वाला :)).
    बढ़िया गगन से लेकर सड़क तक की रिपोर्ट रही.
  6. भारतीय नागरिक
    ज़ीरो बजट… दाँतों की तारीफ को जिप फाइल में सहेज कर रखें दुबारा मुलाकात होने पर झट से तारीफ को निकाल कर पेश कर दें…
  7. रवि
    चालीस पार की एक महिला सहयात्री काफ़ी देर से व्यक्तित्व विकास की किताब अंग्रेजी में पढ़ रही थीं >> कहीं कोई दूसरी प्रति मिले तो आप ले लीजिएगा और बांचने के बाद हमें दे दीजियेगा :)
    रवि की हालिया प्रविष्टी..फ्लिपकार्ट से 1000 शानदार म्यूजिक एलबम डाउनलोड करें एकदम मुफ़्त!
  8. manuprakashtyagi
    हम्म् , क्या आपके ब्लाग ​लेखन का पता घर में है ?
  9. Anonymous
    हां तो जो मन में आये, उसे तुरन्तै कर डाला कीजिये, ताकि कोई कसक न रह जाये :( अब टीस सहते रहिये अगले खूबसूरत दांत दिखने तक :) पोस्ट का क्या? अच्छी ही है.
  10. प्रवीण पाण्डेय
    अवलोकन व्यर्थ न जायें, सहेज तो लिये ही जायें।
    प्रवीण पाण्डेय की हालिया प्रविष्टी..टा डा डा डिग्डिगा
  11. Abhishek
    :) मजेदार. रांग साइड वाला मस्त :)
    Abhishek की हालिया प्रविष्टी..नए जमाने के विद्वान (पटना १६)
  12. : फ़ुरसतिया-पुराने लेख
    [...] एयरहोस्टेस, खूबसूरत दांत, मोटरसाइकिल, … [...]

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