Tuesday, November 12, 2013

चिल्लर भूकंप और खबरों के कोलाज

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चिल्लर भूकंप और खबरों के कोलाज

भूकंप कल रात दिल्ली में हल्का भूकंप आया। वैज्ञानिक बता रहे थे -छोटा वाला था। चिल्लर भूकंप। आ गया तो अच्छा हुआ। धरती की ऊर्जा मुक्त हो गयी। बड़े भूकम्प का खतरा कम हो गया।
पता नहीं क्या सही है लेकिन सुनते ही हमें लगा कि शायद अपनी धुरी पर घूमती धरती को जब सचिन के संन्यास की खबर पता लगी होगी तो वह हिल गयी होगी। उसी झटके से भूकम्प आ गया होगा।
यह भी हो सकता है कि शायद उसको कल की मंगलयान की हरकत पर गुस्सा आया हो। मंगलयान ने कल अगली कक्षा में जाने में थोड़ा नखरे दिखाये। धरती को लगा होगा कि स्वदेशी तकनीक पर आधारित यान स्वदेशी बीमारियां भी ले गया है क्या? क्या वह इस बात की धमकी दे रहा है कि जबतक छठा वेतन आयोग नहीं लागू होगा तब तक अगली कक्षा में न जायेगा। यह सोचते ही धरती का माथा भन्ना गया होगा कि और वह नीचे से चिल्लाई होगी- अरे बेवकूफ़ किंडरगार्डन अकल वाले, तू यंत्र है यंत्र। कोई सरकारी कर्मचारी थोड़ी जो वेतनमान, डी.ए. के लिये काम रोके। जाता है आगे कि बताऊं तुझे वहीं पर आकर?
इस तरह हड़काने पर धरती थोड़ा हिल गयी होगी। गुस्से में लोग कांपने लगते हैं न। इसीलिये यहां भूकंप आ गया होगा।
शायद इस पर मंगलयान ने लड़ियाते हुये कहा हो- अरे न मम्मा! मैं कोई इंसान थोड़ी हूं जो ऐसी हरकतें करूं। मैंने तो तुमसे दूर आकर तुम्हारी खूबसूरती देखी तो ठिठक गया। तुम तो बहुत खूबसूरत हो। सूरज की रोशनी में तो किसी भी हीरोइन से कई गुना चमक रही हो। पास में रहते हुये साथ वाले की खूबसूरती का अन्दाजा नहीं होता। यू आर क्यूट यार। लव यू मम्मा।
मंगलइस पर धरती ने पक्का मंगलयान को झिड़का हो- अरे चल जा भाग बतबने कहीं के! अपना काम कर मंगल पर जाकर। मुझे भी परिक्रमा करनी है सूरज की।
इसके बाद धरती ने खुद को शीशे में निहारा होगा। मुस्कराते हुये अंगड़ाई ली होगी। उसी अंगड़ाई के चलते दिल्ली में हल्का भूकम्प आ गया होगा।
कहने को तो लोग यह भी कह रहे हैं कि यह बापू निराशाराम के श्राप का परिणाम है। उनके जेल में बन्द होने के चलते उनकी लीलाओं में व्यवधान हुआ है। इससे उन्होंने भारत की पापात्माओं के लिये श्राप इशू कर दिया होगा। श्राप की डिलीवरी करने वाला कोरियर दिल्ली में पापात्माओं के पते पूछ रहा होगा। यह बात पता चलते ही दिल्ली हल्का सा हिल गयी होगी। उसी को लोगों ने भूकंप का नाम दे दिया।
एक खबर यह भी है कि ऊपर स्वर्ग/नरक में भारत के प्रधानमंत्री के चुनाव की खबर पहुंची होगी तो वहां भारत के जित्ते भी लोग रहते हैं वे अपने-अपने साइड का आसमान फ़ाड़कर भारत का चुनाव देखने के लिये लग गये होंगे। किसी ने वहां के महापुरुषों को उनके बारे में यहां चल रही चर्चाओं के बारे में बताया होगा। हो सकता है किसी ने महापुरुषों से मौज भी ली हो कि -भाईसाहब, रहे होगे आप अपने समय के खलीफ़ा। लेकिन अब तो आपके हाल पुराने अखबार में छपी खबरों सरीखे हो गये हैं। जैसे अखबारों को मनचाहे आकार में काटपीटकर, अपने मनमाफ़िक चिपकाकर लोग खूबसूरत कोलाज बनाते हैं वैसे ही आपके जीवन से जुड़ी घटनाओं को लोग मनचाहे तरीके से काट-छांटकर अपनी तर्क-कुतर्क की लेई-गोंद से जोड़ कर इधर-उधर चिपका रहे हैं।
इस बात से महापुरुषों के चेहरे पर उदासी छा गयी हो शायद। अपने से दूर चले गये बच्चों के चेहरे की उदासी देखकर हिल गयी हो शायद धरती। इसई से दिल्ली में भूकंप आ गया होगा।
सही कारण पता नहीं क्या है लेकिन अपन को चिल्लर भूकंप वाली बात जमती है। अपने यहां तमाम असमानता है, गैरबराबरी है, बरबादी है। उससे सब हलकान हैं। लेकिन सब मिलकर उससे निजात पाने के लिये कुछ करते नहीं। इधर-उधर हल्ला-गुल्ला मचाकर, जिन्दाबाद-मुर्दाबाद करके मस्त हो जाते हैं। जिनको बहस करनी है, व्यवस्था चलानी है, कानून बनाने हैं वे हड़ताल, धरना, प्रदर्शन कर रहे हैं। काम ठप्प कर रहे हैं। नतीजतन निठल्ले लोग व्यवस्था पर कब्जा किये हैं। कानून को टहला रहे हैं।
प्रभावित लोग भी मीडिया, अखबार, सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा चिल्लर की तरह खर्च कर डालते हैं। चिल्लर तरीके से गुस्सा निकालकर लोग चुप हो जा रहे हैं। इसी के चलते बदलाव के बड़े भूकम्प नहीं आते। स्थगित हो जाते हैं।
चिल्लर गुस्से की तरह चिल्लर भूकम्प भी आकर चला गया। अब अगले प्रधानमंत्री की खबर के बारे में कोई चिरकुट हलचल पेश करेगा मीडिया- एक कामर्शियल ब्रेक के बाद। आप यहीं रहियेगा। कहीं जाइयेगा नहीं बुद्धु बक्से को छोड़कर।

2 responses to “चिल्लर भूकंप और खबरों के कोलाज”

  1. sanjay jha
    सुन्दर ………. मजा आया पढ़कर…………
    प्रणाम.
  2. अजय कुमार झा
    हा हा हा हा हा चिल्लर था भूकंप जी …इत्ते कमाल के रीज़न के लिए ही भूकंप को ..समझिए कि ..हल्लन आफ़ द ईयर का पुरस्कार दिया गया है । बहुत झटका दे दिए हैं भूकंप को आप अपना कट्टा कनपुरिया से …थरथराहट बना हुआ है एकदम्म :) :)
    अजय कुमार झा की हालिया प्रविष्टी..जागृति– तुम्हारा सरनेम क्या था ..(इश्कनामा-1)

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