Friday, February 14, 2014

ब्लैक होल का पांखड खंड-खंड हो गया है

बिस्तर पर अलसाये से लेटे हुये हैं। खिड़की से देख रहे हैं कि ‪#‎सूरज‬ भाई अभी तक पधारे नहीं हैं। फ़ोन इंगेज्ड जा रहा है। अब पलट के फोन किया #सूरज भाई ने। बोले जरा आराम से आयेंगे आज। ये किरणें, उजाला, रश्मियां , प्रकाश , रोशनी सब कह रहे हैं -"पापा जरा सबको 'वैलेंटाइन डे ' विश कर दें तब चलें। "

सूरज भाई बता रहे हैं -- "यहां सब तरफ़ रोशनी के पटाखे छूट रहे हैं। तारे एक दूसरे को मुस्कराते हुये देख रहे हैं। आकाश गंगायें इठला रहीं हैं। एक ब्लैक होल ने ऊर्जा और प्रकाश को धृतराष्ट्र की तरह जकड़ लिया है और फ़ुल बेशर्मी उनको "हैप्पी वेलेंटाइन डे" बोल रहे हैं। ऊर्जा को ब्लैक होल की जकड़ में कसमसाते देख आकाशगंगा ने एक बड़ा तारा फ़ेंककर ब्लैकहोल को मार दिया। उसके कई, अनगिन टुकड़े हो गये। ब्लैक होल का पांखड खंड-खंड हो गया है। अनगिनत रोशनी मुक्त होकर चहकने लगी है। क्या तो सीन है भाई! काश हम तुमको इसका वीडियो दिखा पाते।" 

हमें कुछ न देखना सूरज भाई जल्दी आओ। चाय ठंढी हो रही है। देर करोगे तो फ़िर दुबारा बनवानी पड़ेगी। -हमने #सूरज भाई को बुलाकर फ़ोन रख दिया। क्या फ़ायदा पैसा फ़ूंकने से फ़ालतू। आयेंगे तब आराम से बतियायेंगे।

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