Thursday, August 28, 2014

पुलिया पर रोआबदार लोग

आज पुलिया पर ये भाई लोग मिले। दायीं तरफ़ वाले भाई बाईं तरफ़ वाले को बता रहे थे कि कैसे उन्होंने लेबर को ऐसे हडकाया। यहां लगाया, वहां लगाया। साहब से कह दिया ऐसे नहीं चलेगा। वैसे चलेगा। बातचीत से पता चला कि किसी अधिकारी के यहां काम करते हैं। चेहरे का रोआब देखकर और कुछ पूछने की हिम्मत न पड़ी। देरी भी हो रही थी काम पर जाने की। चुपचाप खरामा खरामा चलते हुये दफ़तर दाखिल हो गये। कमरे में जमा होकर काम करने लगे।
फ़ोटो: आज पुलिया पर ये भाई लोग मिले। दायीं तरफ़ वाले भाई बाईं तरफ़ वाले को बता रहे थे कि कैसे उन्होंने लेबर को ऐसे हडकाया। यहां लगाया, वहां लगाया। साहब से कह दिया ऐसे नहीं चलेगा। वैसे चलेगा। बातचीत से पता चला कि किसी अधिकारी के यहां काम करते हैं। चेहरे का रोआब देखकर और कुछ  पूछने की हिम्मत न पड़ी। देरी भी हो रही थी काम पर जाने की। चुपचाप खरामा खरामा चलते हुये दफ़तर दाखिल हो गये। कमरे में जमा होकर काम करने लगे।

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