Sunday, February 02, 2014

अंधेरे के खिलाफ़ सर्च वारंट

दरवज्जा खोलते ही ‪#‎सूरज‬ भाई धड़धड़ा के अन्दर घुस गये। अंग्रेजो के जमाने के जेलर की तरह। साथ में उजाले, रोशनी, प्रकाश और न जाने कित्ते दायें-बायें। सूरज भाई बोले अंधेरे के खिलाफ़ सर्च वारंट है। गिरफ़्तार करने आये हैं। हमने कहा - अरे भाई अंधेरा तो तुमको देखते ही फ़ूट लिया जैसे प्राइम टाइम की बहस से कायदे की बात। सूरज भाई मुस्कराते हुये साथ में चाय पी रहे हैं। किरणें बाहर कड़क्को खेल रही हैं। आपस में धौल धप्पा कर रही हैं। यहां से वहां तक, न जाने कहां-कहां तक

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