Wednesday, August 05, 2015

प्रेम कवितायें लिखता कवि अक्सर
वियोग के किस्से लिखता है।

दुख ओढ़ता है, पीड़ा बिछाता है
अपने को गिरा पड़ा और
अगले को बहुत ऊंचा बताता है।

कविताओं में दिखते
प्रेमियों के बीच इतना
दुख, अलगाव, पीड़ा, बेचैनी
देखता हूं तो मन करता है
भगवान से कहूं
कि हे ईश्वर
दुनिया के और सारे झमेले तो हम झेल लेंगे
लेकिन अगर हो सके तो एक दया करो दीनानाथ
ये दो प्रेमियों के बीच का प्रेम हटा लो दुनिया से!

बहुत अझेल है दीनबंधु दुनिया में
साथ-साथ रहते दो प्रेमियों के किस्सों
में दुख, पीड़ा, वियोग के घिसे-पिटे बयान सुनना।

-कट्टा कानपुरी

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