Friday, September 11, 2015

भाषा ऐसी चाहिए जैसे चेहरे पर मुस्कान

भाषा ऐसी चाहिए जैसे चेहरे पर मुस्कान
देखें मन खुश होय और न देखे तो हलकान।

हिंदी सम्मेलन हो रहा,बना अखाड़ा भोपाल,
जो भी पहुंचा नहीं वहां, ठोंक रहा है ताल।

पहुंचे हैं जो लोग सब रहे फोटो हैं खिंचवाय,
हिंदी है यदि सीखना, बेचो घूम-घूम कर चाय।
--कट्टा कानपुरी

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