Saturday, August 06, 2016

दुनिया के कवि कितने मासूम होते हैं

चांद ने ठोंक दिया है मुकदमा
कापीराइट एक्ट के तहत अदालत में!

दुनिया में जिन-जिन लोगों ने
अपनी प्रेमिकाओं के मुखड़े
चांद जैसे बताये हैं
उनसे बसूलेगा हर्जाना ब्याज सहित!

दर अभी तय नहीं हुयी है
लेकिन दुनिया भर के तमाम कवि
अखबारों में सूचना छपवा रहे हैं
मेरी सारी कविताओं में चांद की जगह
ये पढ़ा जाये, वो समझा जाये।

अखबारों की चांदी है
वे पैसा लेकर छाप रहे हैं कवियों की सूचनायें
महीने के अंत में सारी सूचनाओं के हिसाब के साथ
भेज देते हैं चांद के पास उसके हिस्से का चेक।

चांद की चांदी है वह जमा करवा रहा है
सारा पैसा स्विस बैंक के अपने खाते में
सोचते हुये कि दुनिया के कवि
कितने मासूम होते हैं!
कट्टा कानपुरी

No comments:

Post a Comment